300 सुरक्षा कर्मियों को एक साथ चढाया और जमकर कूद फांद करवाई नागपंचमी पर उपयोग आने वाले एयरो ब्रिज की मजबूती जांची

 

उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी पर श्रद्धालुओं के आवागमन उपयोग में आने वाले एयरो ब्रिज का शुक्रवार को मजबूती जांची गई है। इसके लिए सुरक्षा एजेंसी के 300 कर्मियों को पुल पर खडा कर उनसे गतिविधि करवायी जाकर पुल की मजबूती व क्षमता का परिक्षण भी किया गया। इस दौरान लोक निर्माण विभाग एवं मंदिर समिति प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।

मंदिर प्रबंध समिति आगामी सोमवार 29 जुलाई को नागपंचमी पर्व के लिए मंदिर के तीसरे तल स्थित नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शनों के लिए पट खोलेगी। वर्ष में एक बार 24 घंटे के लिए यह पट खोले जाएंगे। भगवान के दर्शनों के लिए यहां जमकर श्रद्धालु उमडते हैं। तीसरे तल स्थित इस मंदिर में श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए एयरो ब्रिज का उपयोग किया जाता है। उपयोग में लिए जाने वाले  इस पुल (विश्राम धाम से शिखर को जोड़ने वाले) की क्षमता का परिक्षण किया गया। परिक्षण के दौरान 300 सुरक्षाकर्मियों को  पुल पर खड़ा कर उनसे जमकर जंप और उछल कूद करवाई गई। मंदिर प्रबंध समिति के उप प्रशासक एस. एन. सोनी, लोक निर्माण विभाग (भवन / पथ ) के कार्यपालन यंत्री गौतम अहिरवार, सहायक प्रशासक शिवकांत पाण्डेय, देवेंद्र परमार, मूलचंद जूनवाल, विशेष कर्तव्यथ अधिकारी जयंत राठौर, सुरक्षा प्रभारी अनुराग चौबे आदि इस दौरान उपस्थित थे।

 

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने जायजा लिया-

नागपंचमी पर्व की दर्शन व्यवस्थाओं को लेकर वरिष्ठ प्रशासनिक संभागायुक्त संजय गुप्ता ,एडीजी उमेश जोगा ,डीआईजी नवनीत भसीन ,कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ,पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के द्वारा श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन व्यवस्था का निरीक्षण किया गया । कर्कराज पार्किंग स्थल से होकर गंगा गार्डन, चार धाम मंदिर पार्किंग मार्ग से ज़िगज़ेग होते हुए हरिसिध्दी चौराहा होते हुए बड़ा गणेश मंदिर से श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश मार्ग का अवलोकन किया गया । इस बार लगभग 10 लाख लोगों के आने की संभावना है । कर्कराज पार्किंग में वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी । वहां से दर्शन के लिए कतार लगना प्रारंभ होगी ।

ये दिए निर्देश-

दर्शन मार्ग में पर्याप्त बेरिकेटींग किए जाने ।

दर्शन के लिए प्रवेश और निकास के मार्ग अलग-अलग होंगे ।

श्रध्दालुओं के लिए स्वास्थ्य सुविधा और पेय जल उपलब्ध रहेगा ।

मंदिर परिसर में अस्थाई प्राथमिक चिकित्सा केंद्र रहेगा।

सभी आवश्यक दवाईयां और स्वास्थ्य संबंधित व्यवस्थाएं चाकचौबंद रहेगी।

 

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